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12 किमी लंबे तिरंगे को लहराने का विश्व कीर्तिमान बनाया
तीन घंटों तक चले उत्सव के साक्षी बनने आए शहर के हजारों राष्ट्रप्रेमी
इंदौर. महूनाका चौराहे से चाणक्यपुरी चौराहे के बीच आज मानो समूचा देश उतर आया था. हजारों लोग 12 किमी लंबा झंडा फहराने के साक्षी बने, लोक संस्कृति मंच, लोकोपकार सेवा वाटिका वेलफेयर सोसायटी एवं देवी अहिल्या वि.वि. के संयुक्त तत्वावधान में 12 किमी लंबा तिरंगा लहराने के बाद जब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने ‘मेरा तिरंगा मेरा अभियान के सूत्रधार शंकर लालवानी, डॉ. एन.के. धाकड़ एवं अदिति सिंघल को विश्व कीर्तिमान का प्रमाणपत्र भेंट किया तो करतल ध्वनि से आकाश और भारत माता के जयघोष तथा वंदे मातरम के शंखनाद से पूरा मार्ग गूंज उठा.
आयोजन समिति के शंकर लालवानी, कुलपति डॉ. एन.के. धाकड़ के प्रतिनिधि डॉ. प्रकाश गेहरवाल एवं अदिति सिंघल ने बताया कि मथुरा में दस किमी और गोरखपुर में 11 किमी लंबे तिरंगे का कीर्तिमान बना है, उसे पीछे छोड़ते हुए आज इंदौर में 12 किमी लंबे तिरंगे को लहराने का कीर्तिमान बनाने हेतु यह आयोजन किया गया था। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हुए इस गौरवशाली आयोजन में अमर शहीद भगतसिंह के परिजन तेजविंदर सिंह संधू एवं अभय संधू, सुखदेव सिंह के परिजन अनुजसिंह थापर और डॉ. गयाप्रसाद कटियार के परिजन क्रांतिकुमार कटियार भी इस उत्सव के साक्षी बने.
ये सभी एक खुले वाहन में सवार होकर शहर के राष्ट्र भक्त नागरिकों का अभिवादन कर रहे थे. इन सभी को आयोजन समिति की ओर से सम्मानित भी किया गया. महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, विधायक सुदर्शन गुप्ता, भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, अनेक पार्षद और प्रशासनिक अधिकारी तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी इस उत्सव का हिस्सा बने.
इस दौरान शहर के सुरक्षाबलों से लेकर अखाड़ों और योग गुरूओं तथा बाइकर्स ने भी अपने रोमांचक करतबों का प्रदर्शन कर दिल्ली के राजपथ की यादें ताजा कर डाली। चार मनोहारी झांकियां भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। सिख, बंगाली, केरलीय, कश्मीरी, नेपाली, बोहरा, मुस्लिम, गोस्वामी, गुजराती, सिंधी, राजस्थानी, मराठी, राजपूत सहित लगभग 40 समाजों के महिला-पुरूष अपने परंपरागत परिधान में शहर के नाम दर्ज हो रहे इस कीर्तिमान के साक्षी बनने सड़कों पर उतरे तो विविधता में एकता का संदेश हर किसी को प्रभावित कर गया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी पूरे मार्ग पर लगातार 3 घंटे तक चलती रही,
सुरक्षा बलों के जवानों ने समां बांधा
बीएसएफ, पुलिस, सत्यसांई विद्या विहार और गुजराती स्कूल के बैण्ड दल और देवी अहिल्या विवि के एनएसएस, एनसीसी, सेंट्रल एक्साइज, पहली एवं पंद्रहवी बटालियन, वन विभाग, स्काऊट, एपीटीसी, पीटीसी सहित विभिन्न सुरक्षा बलों के प्रशिक्षित जवानों ने भी मार्चपास्ट के माध्यम से अपने अनुशासन का परिचय देकर मार्ग के दोनों ओर खड़े करीब 25 हजार दर्शकों का मन मोह लिया।
राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे छोटे ध्वज बनाकर
लोक संस्कृति मंच के अध्यक्ष शंकर लालवानी, कुलपति डॉ. धाकड़ एवं अदिति सिंघल ने इस उत्सव में भागीदार बने सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोगी बंधुओं, समाजों एवं संगठनों तथा सुरक्षा बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है. अब इस तिरंगे के छोटे आकार में ध्वज बनाकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं शासन के अन्य मंत्रियों तथा अधिकारियों को भेंट किए जाएंगे।